हनुमानगढ़, जिसे पहले भटनेर के नाम से जाना जाता था, राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। इसका इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है, जिसमें विभिन्न शासकों और संस्कृतियों का योगदान है।
प्रारंभिक इतिहास
हनुमानगढ़ का क्षेत्र प्रारंभिक सभ्यताओं का केंद्र रहा है। यहाँ के क्षेत्र में सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं, जो इस क्षेत्र के प्राचीनता को प्रमाणित करते हैं। यहाँ के कालीबंगा नामक स्थान पर सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण अवशेष और पुरातात्विक साक्ष्य मिले हैं। ये अवशेष इस बात का प्रमाण हैं कि यह क्षेत्र लगभग 3000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व के बीच एक महत्वपूर्ण सभ्यता का केंद्र रहा है।
भटनेर किले का निर्माण
भटनेर किला, हनुमानगढ़ का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है, जिसे लगभग 255 ईसा पूर्व में भाटी राजा भूपत ने बनवाया था। यह किला घग्गर नदी के किनारे स्थित है और इसे राजस्थान के सबसे प्राचीन किलों में से एक माना जाता है। यह किला मध्यकाल में विभिन्न राजवंशों और शासकों के नियंत्रण में रहा, जिसमें दिल्ली के सुल्तानों, मुगलों और बीकानेर के राजाओं का भी समावेश है।
मुगलों का शासन
मुगल काल में भटनेर किला रणनीतिक महत्व का था। बाबर ने अपनी आत्मकथा ‘बाबरनामा’ में इस किले का उल्लेख किया है। अकबर और औरंगजेब जैसे मुगल सम्राटों ने भी इस किले को अपने नियंत्रण में रखा और इसे अपनी सामरिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया।
आधुनिक इतिहास
18वीं सदी के अंत में, भटनेर किला बीकानेर राज्य का हिस्सा बन गया। 1805 में, बीकानेर के महाराजा सूरत सिंह ने इस किले पर कब्जा कर लिया और इसे अपने राज्य में मिला लिया। 1947 में भारत की आजादी के बाद, हनुमानगढ़ राजस्थान राज्य का हिस्सा बन गया।
वर्तमान
वर्तमान में, हनुमानगढ़ एक प्रमुख कृषि क्षेत्र है और यहाँ के लोग मुख्यतः खेती पर निर्भर हैं। घग्गर नदी के किनारे स्थित होने के कारण यहाँ की मिट्टी उपजाऊ है और सिंचाई के लिए पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध हैं। हनुमानगढ़ में कालीबंगा और भटनेर किले जैसे ऐतिहासिक स्थल आज भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
निष्कर्ष
हनुमानगढ़ का इतिहास विविधतापूर्ण और रोचक है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय से लेकर मुगल काल और फिर आधुनिक भारत तक, इस क्षेत्र ने विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का अनुभव किया है। यह शहर न केवल अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है।
हनुमानगढ़ का इतिहास हमें भारत की समृद्ध और विविधतापूर्ण विरासत की झलक दिखाता है। यह एक ऐसा स्थल है जहाँ प्राचीनता और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है, और यह हमारे इतिहास के महत्वपूर्ण पन्नों का एक अभिन्न हिस्सा है।